hindi sikhen

Tuesday 20 December 2016

                                                     ऐ दोस्त इस दुनिया में थोड़ा नाम करले तू

न कर सका जो कोई, वैसा काम करले तू।
ऐ दोस्त इस दुनिया में थोड़ा नाम करले तू।
            आदमी आते हैं और जाते हैं इस कदर
            इस नामुराद दुनिया की चिंता नहीं मगर
दीपक जो जल रहा वो ताउम्र न बुझे
कहना पड़े न नामुराद दुनिया को मुझे
            बनाले ऐसी हस्ती ऐसा दाम करले तू
            ऐ दोस्त इस दुनिया में थोड़ा नाम करले तू।

Friday 18 November 2016

मेरे बारे में

मैंने यह ब्लॉग हिंदी साहित्य प्रेमियों व उन विद्यार्थियों के लिए बनाया है जो हिंदी को अपनी पहचान मानते हैं। इस ब्लॉग में मैं आपको हिंदी विषय से सम्बंधित जानकारियाँ उपलब्ध कराऊँगा इसके साथ बहुचर्चित कवियों की ग़ज़लें, कविताएँ, और लघु कथाएँ भी प्रकाशित करूँगा जिनमे मेरी भी कविता, ग़ज़ल आदि भी संकलित होंगी। इसके तहत मैं आपके लिए छोटे-मोटे संगीत वीडियो को भी प्रसारित करूँगा।
मुझे पूरी आशा है कि आप मेरे इस प्रयास को अपना भरपूर प्यार देंगे।
                                           ।।धन्यवाद।।
                                    अमिराज कुमार आनन्द